केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के राजौरी चिकरी काष्ठकला को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दिया गया है। इसके साथ ही राज्य के अनंतनाग जिले के चावल की मुश्कबुदजी किस्म को भी जीआई टैग दिया गया है. जीआई टैग भारत में भौगोलिक संकेतों का संक्षिप्त रूप है। जीआई टैग प्राकृतिक या मानव निर्मित दोनों उत्पादों को दिया जाता है।
चिकोरी एक पीली, शहद के रंग की, महीन दाने वाली नरम लकड़ी है जो जम्मू प्रांत के राजौरी जिले की पहाड़ी श्रृंखलाओं में पाई जाती है। राजौरी की चिकरी लकड़ी (Rajouri Chikri Wood Craft) की कारीगरी जटिल नक्काशी और विवरण की विशेषता है। इसी तरह, मुश्कबुदजी चावल छोटे मोटे सुगंधित चावल की एक प्रीमियम किस्म है, जो कश्मीर घाटी के ऊंचे इलाकों, खासकर अनंतनाग जिले में उगाया जाता है। पका हुआ मुश्कबुदजी चावल अद्वितीय है और इसमें स्वाद, सुगंध और समृद्ध ऑर्गेनोलेप्टिक गुणों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है
GI TAG क्या है?
– GI का मतलब Geographical Indication यानी भौगोलिक संकेत।
– जीआई टैग (GI Tag) एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है।
33 नए प्रोडक्ट को GI टैग मिला
– एक साथ पहली बार इतने टैग मिले
– कुल GI टैग की संख्या 465 पहुंची
किस राज्य को कितने GI टैग
– बिहार (1)
– उत्तर प्रदेश (10)
– मध्य प्रदेश (1)
– छत्तीसगढ़ (1)
– तमिलनाडु (11)
– लद्दाख (1)
– जम्मू कश्मीर (8)
GI टैग कौन प्रदान करता है?
– मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री प्रमोशन एंड इंटरनल ट्रेड की ओर से GI टैग दिया जाता है।
– किसी प्रोडक्ट के लिए GI टैग प्राप्त करने के लिए चेन्नई स्थित GI डेटाबेस में आवेदन करना होता है।
– ये इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के अंडर है, जो पूरे देश में सिर्फ चेन्नई में ही होता है।
जम्मू-कश्मीर के कुछ उत्पाद जिन्हें जीआई टैग दिया गया है
- कानी शॉल
- कश्मीर पश्मीना
- कश्मीर पेपर माछ
- कश्मीर अखरोट की लकड़ी पर नक्काशी
- खतमबंद
- कश्मीरी हाथ से बुना हुआ कालीन
- केसर (मोंगरा, लच्छा, गुच्छी)